
अर्जुन सिंह
पूरा नाम: अर्जुन सिंह
जन्म: 5 नवंबर 1930, छतरपुर, मध्य प्रदेश
मृत्यु: 4 मार्च 2011, नई दिल्ली
राजनीतिक दल: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
परिचय:
अर्जुन सिंह भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता थे, जो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत सरकार में विभिन्न मंत्रालयों के प्रमुख रहे। वे विशेष रूप से शिक्षा और सामाजिक न्याय के लिए अपनी नीतियों के लिए जाने जाते हैं।
राजनीतिक सफर:
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1957 में पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य बने।
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1980-1985 और 1988-1989 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
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1985-1988 में राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे।
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1991-1994 में पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बने।
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2004-2009 में डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में फिर से मानव संसाधन विकास मंत्री बने।
योगदान और उपलब्धियाँ:
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अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए शिक्षा में आरक्षण लागू करने में अहम भूमिका निभाई।
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मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने में सहयोग किया।
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शिक्षा सुधारों और उच्च शिक्षा में विकास के लिए काम किया।
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मध्य प्रदेश में औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा दिया।
निजी जीवन और विवाद:
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1984 में भोपाल गैस त्रासदी के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, जिस कारण उनकी भूमिका पर सवाल उठे।
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1994 में कांग्रेस पार्टी से बगावत की और कांग्रेस (तिवारी) गुट में शामिल हुए, लेकिन बाद में वापसी कर ली।
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2004 में ओबीसी आरक्षण को लागू करने के फैसले से विवादों में आए।
निधन:
अर्जुन सिंह का 4 मार्च 2011 को नई दिल्ली में निधन हुआ। वे भारतीय राजनीति में एक दृढ़ और विवादास्पद नेता के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे।
पार्टी के प्रेरणास्रोत, अविभाजित मध्य प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री, भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री तथा पंजाब के पूर्व महामहिम राज्यपाल, स्वर्गीय डॉ. अर्जुन सिंह जी के कुशल नेतृत्व में जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना हुई, जो देशभर में छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है।
उन्होंने न केवल माफिया राज का अंत किया, बल्कि जलते हुए पंजाब को शांति के मार्ग पर ले जाकर देश की एकता और अखंडता को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मां भारती के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपनों को साकार करने का कार्य किया, जो हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।
तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने पूरे मध्य भारत में अपराध पर ऐतिहासिक नियंत्रण स्थापित किया और अपराध नियंत्रण में अभूतपूर्व योगदान दिया। चाहे नक्सलवाद हो, अपराध हो या आतंकवाद, उन्होंने किसी भी दबाव में आए बिना अन्याय, अपराध और आतंकवाद को कुचलने के लिए पूरी शक्ति के साथ ऐतिहासिक कदम उठाए।
पार्टी के प्रेरणास्रोत और भारत के विकास पुरुष पंडित नारायण दत्त तिवारी जी के कुशल नेतृत्व में, उन्होंने तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार से बगावत कर अखिल भारतीय तिवारी कांग्रेस पार्टी के गठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पूरे देश में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने में जुटे रहे। उन्हें व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हुआ और राष्ट्र एवं समाज को समर्पित यह पार्टी जल्द ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाने लगी।
तत्पश्चात, चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और देश में संयुक्त मोर्चा सरकार का गठन हुआ, जिसमें अखिल भारतीय तिवारी कांग्रेस पार्टी ने अपनी प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित की। इस ऐतिहासिक योगदान में डॉ. अर्जुन सिंह जी की भूमिका सराहनीय रही।
जब देश में खालिस्तान की मांग को लेकर उग्रवाद बढ़ रहा था, तब उन्होंने पंजाब के महामहिम राज्यपाल के रूप में उग्रवादियों को कुचलने का ऐतिहासिक कार्य किया और देश की एकता व अखंडता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया और राष्ट्र की अखंडता की रक्षा की।
नारायण परिवार के लाखों-करोड़ों समर्थकों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और सहयोगियों की ओर से उनके श्रीचरणों में शत-शत नमन। उनके महान योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।
जय हिंद! जय भारत! जय नारायण! जय अर्जुन सिंह!