
पार्टी के प्रेरणापुंज, भारत के पूर्व महामहिम राष्ट्रपति, भारत रत्न, भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष एवं महान विचारक स्वर्गीय श्री प्रणब मुखर्जी जी के प्रति राष्ट्रीय नारायणवादी विकास पार्टी शत-शत नमन एवं श्रद्धांजलि अर्पित करती है।
स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र, समाज और गरीब-शोषित वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित रहा। भारत सरकार में वे वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे और राष्ट्र के उत्थान के लिए ऐतिहासिक कार्य किए। उनका संपूर्ण राजनीतिक जीवन सादगी, ईमानदारी और राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरणा का प्रतीक रहा।
भारत के वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने देश की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिससे देश में आर्थिक मजबूती के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर सृजित हुए। विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने भारत की वैश्विक छवि को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का कार्य किया। उनका योगदान राष्ट्र निर्माण के लिए सदैव अमूल्य और प्रेरणादायक रहेगा।
स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी जी के हृदय में सदैव समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े शोषित, वंचित, गरीब, दलित, पिछड़े, किसान, मजदूर, महिलाओं और युवाओं के उत्थान के लिए अपार संवेदना थी। वे सदैव इस प्रयास में लगे रहे कि देश के हर नागरिक को समान अवसर मिले और राष्ट्र का हर वर्ग मुख्यधारा में शामिल हो सके।
उनकी ईमानदारी, सादगी और विनम्रता के कारण वे सदैव जनता के प्रिय नेता बने रहे। एक समय ऐसा भी आया जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने उन्हें अपने मुख्यालय में आमंत्रित किया। जिस पार्टी (कांग्रेस) में उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया था, उस पार्टी ने उन्हें वहां जाने से मना किया, लेकिन उन्होंने सत्य के मार्ग पर चलना स्वीकार किया और देशहित, मानवता और सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए उन्होंने आरएसएस मुख्यालय में जाकर अपने विचार व्यक्त किए। उनके विचारों ने संपूर्ण भारतवासियों के दिलों में एक नई ऊर्जा का संचार किया। यह उनकी विशाल सोच और निष्पक्ष दृष्टिकोण का परिचायक था कि उन्होंने कभी भी राजनीतिक दबाव को स्वीकार नहीं किया और सदैव सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलते रहे।
उनकी स्पष्ट विचारधारा यह थी कि राष्ट्रहित और मानवता का हित सर्वोपरि होना चाहिए। वे सदैव भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा के पक्षधर रहे। वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति उनका विशेष सम्मान था, क्योंकि वे जानते थे कि श्री नरेंद्र मोदी जी भी त्याग, तपस्या और बलिदान के मार्ग पर चलने वाले राष्ट्रसेवक हैं और उनका संपूर्ण ध्यान देश के उत्थान पर केंद्रित है। इसी कारण प्रणब मुखर्जी जी ने हमेशा निस्वार्थ भाव से सच्चे राष्ट्रभक्तों का सम्मान करना अपना कर्तव्य समझा।
जब भारत के तत्कालीन केंद्र की अल्पमत सरकार ने राष्ट्रपति पद के लिए स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी जी के नाम का प्रस्ताव रखा, तब संपूर्ण विपक्ष ने एकमत होकर उनके नाम पर मोहर लगा दी और वे भारत के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने राष्ट्र को सुदृढ़, संगठित और समृद्ध बनाने के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए। वे सदैव सनातन संस्कृति और भारतीयता के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रहे और राष्ट्रपति रहते हुए भी उन्होंने सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए।
उनकी सोच यह थी कि भारत के प्रत्येक नागरिक को समान अवसर मिले और राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान सुनिश्चित हो। उनके हृदय में सदैव भारत के लिए अपार प्रेम था और वे हमेशा देशवासियों के स्वाभिमान और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए समर्पित रहे। उनके विचारों और सिद्धांतों ने भारत के लोकतंत्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय नारायणवादी विकास पार्टी यह संकल्प लेती है कि पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता, पदाधिकारी और समर्थक, स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी जी के पदचिन्हों पर चलकर राष्ट्र सेवा के लिए निरंतर समर्पित रहेंगे। हम यह संकल्प लेते हैं कि देश के अंतिम व्यक्ति तक समानता का अधिकार दिलाने, समाज के वंचितों, गरीबों, मजदूरों, किसानों, छात्रों, व्यापारियों और महिलाओं के उत्थान के लिए सदैव संघर्षरत रहेंगे।
हम गर्व के साथ कहते हैं कि स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी जी के विचार, उनके सिद्धांत और उनकी त्याग, तपस्या एवं ईमानदारी की राजनीति हमारे लिए सदैव प्रेरणास्रोत बनी रहेगी। उनका संपूर्ण जीवन देशभक्ति और राष्ट्र सेवा का प्रतीक है। उनके दिखाए गए मार्ग पर चलकर ही हम भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना साकार कर सकते हैं।
राष्ट्रीय नारायणवादी विकास पार्टी, नारायण परिवार के लाखों-करोड़ों समर्थकों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और सहयोगियों की ओर से स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी जी के श्रीचरणों में शत-शत नमन एवं श्रद्धासुमन अर्पित करती है और यह संकल्प लेती है कि राष्ट्र और समाज के उत्थान के लिए सदैव उनके पदचिन्हों पर चलकर राष्ट्र सेवा के लिए कृत संकल्पित रहेगी।
आओ मिलकर राष्ट्र उत्थान के लिए कदम बढ़ाएं।
जय हिंद! जय भारत! जय नारायण! जय सनातन! जय प्रणब मुखर्जी!