Former Chief Minister of Uttar Pradesh

नारायण दत्त तिवारी

पूरा नाम: नारायण दत्त तिवारी
जन्म: 18 अक्टूबर 1925, बल्यूट, नैनीताल, उत्तराखंड
मृत्यु: 18 अक्टूबर 2018, नई दिल्ली
राजनीतिक दल: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

परिचय:

नारायण दत्त तिवारी भारतीय राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और केंद्र में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। वे भारतीय राजनीति में अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमताओं और विकासशील नीतियों के लिए जाने जाते हैं।

राजनीतिक सफर:

  • 1952 में प्रथम बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बने।

  • 1976-1977 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

  • 1984-1985 में दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

  • 1988-1989 में तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

  • 2002 से 2007 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे।

  • केंद्र सरकार में वाणिज्य, वित्त, विदेश, उद्योग और श्रम जैसे विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार संभाला।

  • 2007-2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।

योगदान और उपलब्धियाँ:

  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • औद्योगिकीकरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान दिया।

  • युवाओं को रोजगार और आर्थिक सुधारों की दिशा में कार्य किया।

निधन:

नारायण दत्त तिवारी का निधन 18 अक्टूबर 2018 को नई दिल्ली में हुआ। वे अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमताओं और विकास कार्यों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।

पार्टी के प्रेरणा पुंज, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं भारत के विकास पुरुष, श्रद्धेय पंडित नारायण दत्त तिवारी जी, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया, उन्हें राष्ट्रीय नारायणवादी विकास पार्टी शत-शत नमन एवं श्रद्धांजलि अर्पित करती है।

पंडित नारायण दत्त तिवारी जी को यह गौरव प्राप्त है कि वे अभिभाजित उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के पांच बार माननीय मुख्यमंत्री रहे। इसके साथ ही वे भारत सरकार में वित्त, विदेश, वाणिज्य, भारी उद्योग, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, श्रम एवं संसदीय कार्य मंत्री के रूप में कार्य कर राष्ट्र निर्माण में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया।

मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विकास हेतु अनेक ऐतिहासिक कार्य किए। नोएडा, मनकापुर, आईटीआई, आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय (अयोध्या धाम), सोनभद्र, मऊ, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, महाराजगंज, बागपत जैसे कई जनपदों का गठन उन्हीं के कार्यकाल में संभव हो पाया। उन्होंने उत्तराखंड की पहाड़ियों में सड़क, बिजली, उद्योग जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करके प्रदेश के विकास को नए आयाम दिए। उनके प्रयासों से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और संपूर्ण राष्ट्र का अभूतपूर्व उत्थान हुआ।

देश में भारी उद्योगों का जाल बिछाकर उन्होंने लाखों युवाओं को रोजगार के सुनहरे अवसर प्रदान किए। विदेश मंत्री के रूप में भारत की भव्यता और गरिमा को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने का उनका योगदान सर्वत्र प्रशंसा का पात्र रहा। पंडित नारायण दत्त तिवारी सदैव गांव, गरीब, दलित, शोषित, पिछड़े, मजदूर, किसान, व्यापारी, महिला और छात्र वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रहे। उनकी सरकार हमेशा पीड़ित, वंचित और जरूरतमंद समाज के कल्याण के लिए समर्पित रही।

रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर वर्षों से चले आ रहे ताले को खुलवाने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण प्रयास किए। उनके नेतृत्व में पीआरडी, राजकीय निर्माण निगम, सेतु निगम जैसी संस्थाओं का गठन किया गया, ताकि देश और विदेश में निर्माण कार्यों के माध्यम से भारत की पहचान को और अधिक मजबूत किया जा सके। उनके कार्यकाल में राजनीतिक सत्ता से दूर अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भारतीय राजनीति के शिखर तक पहुंचाने का संकल्प साकार हुआ।

पंडित नारायण दत्त तिवारी के मुख्यमंत्री रहते हुए 85% से अधिक शोषित, वंचित और दलित समाज के लोगों को सांसद, विधायक, मंत्री, ब्लॉक प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर प्रतिनिधित्व मिला, जिससे गांव-गांव राजनीतिक जागरूकता और क्रांति का वातावरण बना। तीन बार ऐसे अवसर आए जब वे भारत के प्रधानमंत्री बन सकते थे, लेकिन राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा, त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण उन्होंने पद की लालसा कभी नहीं रखी। राष्ट्र के विकास के लिए उनका समर्पण सर्वोपरि रहा।

गांधी परिवार के प्रति उनकी निष्ठा एवं समर्थन अतुलनीय था, लेकिन कुछ षड्यंत्रों के चलते उन्हें प्रधानमंत्री बनने से वंचित रखा गया। इसके बावजूद उन्होंने कभी भी पद के लिए संघर्ष नहीं किया, बल्कि राष्ट्र सेवा को ही अपना धर्म और कर्म मानते रहे। उन्होंने सड़क, पुल, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग जैसे बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा और जीवन समर्पित कर दिया। भारी उद्योगों का विस्तार करके उन्होंने युवाओं को रोजगार दिलाने का जो स्वप्न देखा था, उसे साकार करने के लिए वे आजीवन संघर्षरत रहे।

भारतीय राजनीति में उनका नाम खेत-खलिहानों से लेकर राजधानी तक गर्व के साथ लिया जाता है। वे एक सच्चे राष्ट्रसेवक, त्याग एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति तथा भारत के विकास पुरुष के रूप में सदैव अमर रहेंगे।

राष्ट्रीय नारायणवादी विकास पार्टी उनके आदर्शों, सिद्धांतों और मार्गदर्शन पर चलकर राष्ट्र एवं समाज के समग्र विकास के लिए कटिबद्ध है। पार्टी संकल्प लेती है कि वह देश के गरीबों, मजदूरों, किसानों, छात्रों, व्यापारियों और महिलाओं के हितों के लिए निरंतर कार्य करेगी और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने का कार्य करेगी।

पार्टी के लाखों-करोड़ों कार्यकर्ता, पदाधिकारी एवं समर्थक उनके श्रीचरणों में शत-शत नमन एवं श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। हम यह संकल्प लेते हैं कि भारत के विकास, एकता और अखंडता के लिए सदैव समर्पित रहेंगे और पंडित नारायण दत्त तिवारी जी के सपनों को साकार करने के लिए सतत प्रयासरत रहेंगे।

आओ मिलकर राष्ट्र उत्थान के लिए कदम बढ़ाएं।
जय हिंद! जय भारत! जय नारायण! जय सनातन!